Breaking News
भारत में इक्ता व्यवस्था की शुरुआत "सुल्तान इल्तुतमिश" द्वारा किया गया था जिसकी सम्पूर्ण जानकारी सियासतानमा ग्रन्थ में मिलता है |
इस ग्रन्थ के विषय में हम आपको बता दे -
सियासतामा ग्रंथ "निजामुल मुल्क अबू हारून बिन अली" द्वारा फारसी भाषा में लिखी गई है और इसी ग्रन्थ में इक्ता व्यस्व्था के विषय में सही तरीके से वर्णित किया गया है |
दरअसल "इक्ता" अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ भूमि होता है | अर्थात इस इक्ता व्यवस्था के अनुसार सुल्तान इल्तुतमिश अपने क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी या सेनागण को वेतन में पैसे न देकर जमीन दिया करते थे |
दिल्ली सल्तनत में उस समय दिन पर दिन नए राज्यों का उदय हो रहा था और धीरे धीरे यह सल्तनत इतना बड़ा हो गया कि इसपर अकेला किसी का शासन करना संभव नहीं था | इसलिए सुल्तान इल्तुतमिश ने दिल्ली साम्राज्य को कई छोटे छोटे क्षेत्रो में विभक्त कर दिया और इन्हीं छोटे छोटे क्षेत्र को इक्ता कहा गया और इसपर राज करने वाले शासक को इक्तादार |
जानकारी के आधार पर हम आपको बता दे कि - इक्ता व्यवस्था की शुरुआत सबसे पहले फारस यानि इरान था पश्चिमी एशिया में हुआ था | ....... ( इतिहास की पन्नो से अनोखी जानकारी :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
रिपोर्टर