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बधाई हो बधाई जन्मदिन पे तुमको , जन्मदिन तुम्हारा मिलेंगे लड्डू हमको | जी हाँ यह सौ फीसदी सत्य है की आज के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पूजा , अर्चना , आस्था व उनका नाम ध्यान करने वाले को लड्डू मिलते हीं है | एक अद्भुत चमत्कारी लड्डू जिसे पानी की जिज्ञासा उनके भक्तजनों को रहती है |
रामनवमी भारतवर्ष में मनाया जाने वाला एक ऐसा महापर्व व उत्सव है , जो चैत्र मास में श्रद्धा व आस्था के साथ मनाया जाता है | इस दिन भगवान श्री विष्णु के अवतार का इस धरती पर श्री राम के रूप में जन्म हुआ और अयोध्या नगरी में एक गजब का उत्साह , उमंग , उल्लास एवं आसमान में दोपहर एक इन्द्रधनुषी रंग लिए प्रगट हुआ और हर दरवाजे पर दीप सजी व रंगोलियाँ बनायी गई और आसमान से फूलों की बरसात होते देखा गया | बेलियाँ झुमने , नाचने , गाने लगी तो फूलों की टहनियों में आकर्षक लचक सा देखा गया | गाय अपने बाछा के साथ प्रेम विहल हो रही थी तो वहीं मोर व मोरनी झूम - झूम कर नाच व गा रहे थे | चारो तरफ जगमाते रौशनियों के बीच लड्डू व पकवान बांटे गए और सभी लोगों ने मुह मीठा किया |
तो ! जन्मदिन भगवन श्री राम का है और लड्डू हम सभी लोग खाते हैं , खुशियाँ हम सभी को मिलती है और उनके आशीर्वाद से हमारी मन की मुरादें पुरी होती है |
रामनवमी के दिन हीं चैत्र नवरात्र की समाप्ति भी हो जाती है | हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस शुभ तिथि को भक्तजन रामनवमी के रूप में मनाते हैं | साथ हीं पवित्र नदियों में स्नान कर के पूण्य के हकदार होते हैं | रामनवमी का यह पावन त्योहार हजारों सालो से मनाया जाता रहा है |
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम , भगवन विष्णु के सातवें अवतार है |
महाकव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियाँ थी | संतान न होने से राजा दशरथ दुखी थे | परन्तु एक अद्दभुत चमत्कार उनके जीवन में होना था , जो पूर्व में हजारो वर्ष पहले राजा दशरथ जिनकी पत्नी ने भगवन विष्णु से वरदान माँगा था कि आप मेरे पुत्र के रूप में जन्म लें | मै आपका वात्सल्य सुख भोगना चाहती हूँ | तब विष्णु भगवन ने कहा था कि - मै अपने सातवें अवतार में आपके द्वारा हीं जन्म लूँगा | तो इस जन्म में राजा दशरथ की पत्नी माँ कौशल्या को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ |
पूर्व निर्धारित संकेत से ऋषि वशिष्ठ ने पुत्रेष्ठी यज्ञ कराने का सुविचार राजा को दिया और इसके पश्चात राजा दशरथ ने ऋषि ऋषयश्रृंग से यज्ञ कराया | यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ने उनकी तीनों पत्नियों को एक - एक कटोरी खीर खाने को दिया | खीर खाने के नौ महीने बाद हीं तीनों रानियों ने चार संतानों को जन्म दिया |
सबसे बड़ी माँ रानी कौशल्या ने भगवन श्री राम जो विष्णु के सातवें अवतार है को जन्म दिया , माँ केकयी ने श्री भरत को और माँ सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चें श्री लक्ष्मण व श्री शत्रुधन को जन्म देकर माता पृथ्वी रानी को गौरवान्वित किया | जन्म से लेकर बड़े होने तक इस धरती को वे स्पर्श करते रहें | उनके वात्सल्य का सुख तो माँ धरती रानी भी भोगी और तृप्त हुई |
मालूम हो कि श्री राम का जन्म दुष्ट प्राणियों को समाप्त करने के लिए हुआ था | तो ! बोलिए मर्यादा पुरुषोत्तम राजा श्री रामचन्द्र जी की जय ! और हम सभी को भगवान श्री राम के जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनायें |
अयोध्या में तो आज का दिन गजब का निखार व प्रकाश भरा होगा , वहां के लोग बहुत हीं सौभाग्यशाली है जिन्होंने अयोध्या में जन्म लिया | एक दीप जलाये है हमने अपने देश में रौशनी व रक्षा के प्रकाश के लिए आप भी जलाइए , ताकि जीवन रौशनमय हो | .... ( फीचर :- एम० नूपुर )
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