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बॉलीवुड के प्रथम सुपरस्टार जिनकी आदाओं की दुनियां दीवानी थी | खासकर उनकी आँखों के मारने का जादुई झटका कितनों के दिलों पर छुरी चला चूका है और उनकी सफ़ेद कार पर लड़कियों के लिपस्टिक लाल , मैरून , गुलाबी निशान , इस बात का सबूत है कि आज तक किसी भी कलाकार की गाड़ी लड़कियों के चुम्बन से नहीं रंगाई , जीतनी की राजेश खन्ना के लिए लड़कियों ने जान की बाजी लगा दी , तब ! जब उनकी शादी हुई और कितनों का दिल टूट गया |
हिंदी सिनेमा का दूसरा नाम कहे जाने वाले अदाकार राजेश खन्ना का आज डेथ एनीवर्सरी है | आज हीं के दिन 18 जुलाई 2012 को उन्होंने दुनियां को अलविदा कहा था | उस वक्त आसमान भी रो पड़ा , जब मुंबई स्थित उनके घर से उनकी विदाई हो रही थी |
राजेश खन्ना एक ऐसा नाम है जो इतिहास बन चूके है और इतिहास कभी ख़त्म नहीं होता और न मरता है | 18 जुलाई 2012 को बॉलीवुड के जानेमाने हस्ती हाथ में छतरी लिए बरसात की परवाह किये बिना इनकी अंतिम यात्रा में सरीख हुए थे | उस वक्त का माहौल ऐसा था , जैसे लोग वहां कुछ पाने के लिए खड़े हैं या फिर लूट जाने के लिए | आज भी वे अपने फैंस के दिलों में जिन्दा है और सदैव एक खुबसूरत याद बनकर जिन्दा रहेंगे | हाँ इतना जरुर है कि - उनकी कमी बहुत तड़पाती है और आँखें उन्हें ढूंढती है , जो आज के आधुनिक दौर में उनकी फिल्मों को लोग आसानी से देखकर जुदाई के दर्द को भुला जाते हैं और लगता है कि राजेश खन्ना यहीं तो आसपास है |
प्रकृति का यह नियम है , जो आया है उसे तो रक न एक दिन जाना हीं होता है | कोई लूटकर जाते हैं तो कोई लूटाकर | राजेश खन्ना ने अपनी अदाओं का भरपूर प्यार लूटाया है दुनियां तक में | तभी आज भी उनके फैंस , उन्हें खूब याद करते हैं |
राजेश खन्ना का चुनाव 1965 में यूनाइटेड प्रोडूसर और फिल्म फेयर ने किया था | इन्हें नए हीरो की तलाश थी | ऑडिशन के दौरान 10 हजार युवाओं ने अपनी अदा दिखाकर उन्हें लुभाना चाह | मगर 10 हजार में सिर्फ 8 युवा चुने गए , जिसमे एक थे राजेश खन्ना जी और अंत में राजेश खन्ना को विजेता घोषित कर दिया गया | उनका असल नाम था जतिन खन्ना , परन्तु फिल्म में आने के लिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राजेश खन्ना रख लिया |
राजेश खन्ना ने 1969 - 1975 के बीच कई सारी सुपरहिट फ़िल्में भारत को दी और करोड़ों दिलों पर अपने अभिनय का जादू चला दिया | उस वक्त इनके नाम का नशा , इतने जोरों पर था कि - बच्चों ने जन्म लिया नहीं की बस राजेश नाम रख दिया जाता था | जैसे एक हीं नाम हो और लड़का होने पर दूसरे नाम की जरुरत नहीं |
इनका जन्म 29 दिसम्बर 1942 को हुआ | इनकी पहली फिल्म राज थी , जिसे जे०पी० सिप्पी ने बनाया था और इस फिल्म की अभिनेत्री थी , उस समय की चर्चित अदाकारा बबिता |
मगर पहली प्रदर्शित फिल्म कहलाया "आखिरी ख़त" जो 1966 में रिलीज हुई थी | फिल्म आराधना से इनकी लोकप्रियता बढ़ी , फिर फिल्म दो रास्ते ने इन्हें सुपरस्टार का पद देकर आसमान में बिठा दिया और राजेश खन्ना बना दिए गए बॉलीवुड के प्रथम सुपरस्टार | आज तक इतिहास में कोई दूसरा राजेश खन्ना नहीं बन सके | भले हीं महानायक अमिताभ बच्चन या तीनों खान या फिर उनके दामाद अक्षय कुमार ने काफी लोकप्रियता हासिल की , करोड़ों दिलों पर राज किया , मगर किसी में वो बात / अंदाज नहीं जो राजेश खन्ना में थी |
फिल्म "आनंद" का डायलॉग , जिसमे दर्द में भीगते हुए मुस्कुराकर बोलना "बाबु मोशाय जिंदगी और मौत ऊपर वाले की हाथ में है , उसे न आप बदल सकते है और न मै" यह एक यादगार डायलॉग है और जिंदगी के करीब भी | .... ( न्यूज़ / फीचर :- आदित्या , एम० नूपुर )
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