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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के टोक्यो पैरालिंपिक में एतिहासिक प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी टीम का , भारत लौटने पर गुरुवार को उनसे मुलाकात कर उन्हें बधाई दी , जिसका विडियो रविवार को जारी किया गया है |
इन खिलाड़ियों ने टोक्यो पैरालिंपिक में 19 मैडल जीतकर भारत का नाम रौशन किया है | जिसमे 5 गोल्ड , 8 सिल्वर और 6 ब्रौंच मेडल शामिल है | टूर्नामेंट के दौरान भी प्रधानमंत्री एथलीटो पर अपनी सोंच व नजर बनाये हुए थे , जिससे की खिलाड़ियों का हौसला बुलन्द होता रहे | टूर्नामेंट का दौर जैसे - जैसे आगे बढ़ता गया , प्रधानमंत्री उन्हें सोशल मीडिया के जरिये बधाई देते रहे और उनसे बातें भी की |
हौसला अफजाही करने वाले भारत के गौरवान्वित व्यक्तित्व के धनी , जहाँ स्वयं प्रधानमंत्री इनपर अपना स्नेह बरसा रहे हो , तो भारत के बच्चे क्यूँ न मेडल जीतकर भारत का नाम रौशन करेंगे |
किसी बड़े और महत्वपूर्ण व्यक्ति का हाथ सर पर हो , तो जीत का सेहरा कदम चूमते देर नहीं लगती |
प्रधानमंत्री ने कहा है कि - भारतीय पैरा एथिलिट्स ने टोक्यो में बहुत हीं बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपने देश का नाम रौशन किया है | भारत के 130 करोड़ जनता आपके साथ है | भविष्य में भी वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे , इसके लिए हर संभव उपाय किये जायेंगे |
कुछ खिलाडियों ने प्रधानमंत्री से कहा कि - मेडल न जीत पाने का हमें अफ़सोस है ! परन्तु इस हार ने हमें और भी ज्यादा मजबूत बना दिया है | हम तब तक कोशिश करेंगे , जबतक कि मेडल जीत नहीं लेते | इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने उनका मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि - हमारी सबसे बड़ी ताकत हार है , इसलिए हार से मनोबल कम करने की जरुरत नहीं है |
सम्मान - समारोह में ऐसे भी एथलीट पहुंचे थे , जिन्होंने मेडल नहीं जीता था | उन्हें देख प्रधानमंत्री उनका हौसला बुलंद करते हुए कहा कि - निकाल दीजिये अपने दिल से इस बात को कि आपने मेडल नहीं जीता है | आपने प्रयास किया और सर्वश्रेष्ट प्रदर्शन किया , देश के लिए यह गौरव की बात है |
मेडल जीतने वाले में एक नाम सुहास एलवाई का है | इन्होने सिल्वर मेडल जीता है और ये नोएडा के DM है | इन्होने प्रधानमंत्री से अपनी कुछ यादें शेयर की और कहा कि - उन्हें स्कूल ने तीन बार दाखिला नहीं दिया था | अब उन्हें प्रधानमंत्री के बगल में बैठने और बात करने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है | वहां मौजूद सभी खिलाड़ियों ने अपनी - अपनी बातें अपने - अपने अंदाज में प्रधानमंत्री से शेयर किया |
प्रधानमंत्री ने सकीना खातून , जो पहली बार पॉवर लिफ्टिंग में भाग लेने वाली खिलाड़ी है और उनके कोच फरमान वाशा से अनुभव पान किया |
आपको बता दे कि - पैरालिंपिक का आरम्भ 1960 में हुआ है | भारत ने अपनी हिस्सेदारी 1968 में ली , जिसमे 1976 और 1980 में भारत की हिस्सेदारी रिक्त रहा | भारत में सबसे पहला गोल्ड लेन वाली थी - जयपुर की अवनि लेखरा | इन्होने महिलाओं की आर 210 मीटर एयर राइफल स्टेंडिंग SHI में पहला स्थान हासिल किया था |
ख़ुशी का यह मौका , जिसमे प्रधानमंत्री अपने भारत के बच्चों से मिल रहे है और उनका हौसला बुलंद कर रहे है | यह दृश्य भारत के लिए एक यादगार दृश्य कहा जा सकता है | इन दिनों भारत के अधिकांशतः बच्चे खेल की तरफ आकर्षित होते दिखाई पड़ रहे है और सबके दिलों में एक नया इतिहास लिखने की लकक बढ़ती हीं जा रही है , जो भारत के लिए एक बहुत हीं बड़ी उपलब्धि है | ..... ( न्यूज़ / फीचर :- भव्याश्री डेस्क )
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