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पेरिस ओलंपिक 2024 में कुछ अजीबो गरीब दृश्य व मामला नजर आ रहा है जिसे लेकर लोग परेशान व सवाल उठा रहे हैं | जैसे - 5 प्लेयर में एक बाथरूम शेयर कराई जा रही है , यह बात USA के एक खिलाड़ी ने बताया |
हम सभी जानते हैं - महिला से महिला और पुरुष से पुरुष का मुकाबला तो होता आया है मगर पहली बार एक महिला से पुरुष का मुकाबला देखकर कमिटी पर सवाल खड़ा किया जा रहा है | पेरिस में हो रहे 2024 के ओलंपिक में कुछ अलग हीं नजारा देखने को मिला | गुरुवार को हो रहे इस मुकाबले को देखकर लोगो ने दांतों तले ऊँगली चबा लिया | इंटरनेशनल ओलंपिक कमिटी ने 2 ट्रांसजेंडर बॉक्सर को महिला कैटेगरी में खेलने की अनुमति देकर कहाँ चूककर गए ?
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सोशल मीडिया पर इस बातो का चर्चा काफी जोरो पर है | यह सिर्फ नियम का उलंघन हीं नहीं बल्कि महिला खिलाड़ी पर अत्याचार कर उनकी बेइज्जती का भी मामला दिख रहा है | यहाँ एंजेला कैरिनी के संग अल्जीरियाई इमाम खलिफ को उतारा गया था | यह देख एंजेला चकित हीं नहीं हैरान भी हुई और मंच पर गई | स्वयं को पुरुष के साथ मुकाबले करवाने पर अपनी बेइज्जती का आरोप लगाती हुई इतालवी मुक्केबाज से नाराज हो गई और मंच छोड़ा |
देखा जा सकता है वे रिंग में घुटने के बल बैठकर कैसे रो रही हैं | अल्जीरियाई मुक्केबाज खलिफ ने ओलंपिक मुक्केबाजी के आरंभिक मुकाबले में विवादास्पद जीत दर्ज कर पुरे देश के नजर में गिर गएं क्यूंकि कैरिनी ने यह मंच सिर्फ 46 सकेंड में छोड़कर बाहर निकलने का विकल्प चुना जो बहुत अच्छा किया क्यूंकि कैरिनी का मुकाबला एक पुरुष के साथ था | वह रिंग से बाहर निकलकर फूट फूटकर रोने लगी | उन्होंने मुकाबला तब छोड़ा जब नाक में दर्द का एहसास हुआ | उन्हें नाक में चोट लगने का संदेह है | अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए बताया कि मुक्केबाज की परिपक्वता के साथ मैंने कहा - "बस" | क्यूंकि मै मैच खत्म नहीं कर सकती थी | कैरिनी के ट्रंक पर खून के धब्बे के निशान भी देखे गए |
गुरुवार को अल्जीरिया की इमाम खलिफ और इटली की एंजेला कैरिनी का मुकाबला 46 किलोवर्ग का था जो एक मिनट भी नहीं चल सका मगर पूरी दुनिया में इस बात के चर्चे जोरो पर चल रहे हैं | कैरिनी ने 46 सकेंड में हीं मुकाबला छोड़ रिंग से बाहर आई जिसके बाद इमाम खलिफ को विजेता घोषित कर दिया गया और वे पेरिस ओलंपिक के अगले दौड़ में पहुँच गई |
अब पेरिस गेम लिंग जांच विवाद के घेरे में फंस गया | यह मामला इमाम खलिफ से जुड़ा है | पिछले वर्ष लिंग जांच में फेल होने के बाद मुकाबले से हटा दिए गए थे तो फिर इसबार कैसे हिस्सा लिया और टीम ने इन्हें कैसे मुकाबला करने की स्वीकृति दे दी ?
यह प्रश्न तो भारत की UPSC की आईएस बनी पूजा खेड़कर के तर्ज पर नजर आ रहा है जहाँ सबकुछ धर्मशाला जैसा दिख रहा है | जांच हुई तब हुई , इस बार चांस लेकर / देकर देखते हैं |
सोशल मीडिया पर उठे सवाल के तूफ़ान को अब कैसे रोका जा सकता है ? जब बात उछलकर सामने आई गई - रिंग में महिला के साथ पुरुष को क्यूँ उतारा गया ? खेल जगत में बदनामी का यह नजारा पूरी दुनियां में तहलका मचा रहा है |
2023 के विश्व चैम्पियनशिप में इमाम खलिफ लिंग जांच में विफल रही थी | उन्हें डिस्क्वालीफाईड कर दिया गया था तो फिर 2024 में वह कैसे सलेक्ट होकर एक महिला के साथ हिस्सा ले सकती हैं ? ओलंपिक का यह छठा दिन था जब विवाद खड़ा हुआ | इमाम खलिफ एक बॉक्सर है जिनपर आरोप है कि वह महिला नहीं पुरुष है |
2022 ओलंपिक में किये गए जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उनका टेस्टोस्टेरोन का स्तर एक सामान महिला के मुकाबले बहुत ज्यादा है वहीं इनके DNA टेस्ट में एक्स वाई क्रोमोजोम्स मिले थे जो सिर्फ पुरुष में होते हैं |............ ( न्यूज़ / फीचर :- रुपेश आदित्या , एम० नूपुर की कलम से )
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